दिन भर या हुसैन या हुसैन की सदा के साथ अश्कबार आँखों से पूरजोश मातम हुआ

इंदौर। दाउदी बाेहरा समाज के मोहर्रम की  दस तारीख यौमे आशुरा पर गुरूवार को समाजवासी करबला में तीन दिन के भूखे प्यासे शहिद हुए इमाम हुसैन व आपके 72 जानिसार साथियों की शहादत के गम में गमज़दा व दिन भर भुखे प्यासे रहे।

यौमे आशुरा पर गुरूवार को सैफीनगर मस्जिद में वाअज मे सैय्यदना आली कदर मुफ्फद्दल सैफुददीन मौला ने इमाम हुसैन की शहादत व करबला की दास्तान पर बयान फरमाते हुए कहा की इमाम हुसैन हक व दीने इस्लाम की सलामती के लिए राहे खुदा में शहीद हुए।  इमाम हुसैन ,आपकी ऐहलेबेत (परिवार) व आपके जानिसार साथियों ने यजीदी फौज द्वारा किये गए बे इंतेहा जुल्मो सितम, तमाम  तकलीफो व तीन दिन की भूख प्यास की हालत को सब्र के साथ सहन किया और हक व सच्चाई का दामन नहीं छोड़ा।

सैयदना साहेब ने यौमे आशुरा के दिन तीन दिन के भूखे प्यासे इमाम हुसैन व आपके 72 जानिसार साथियों  की शहादत के बयान फरमाए व शहादत पढी। सैयदना साहेब ने फरमाया की इमाम हुसैन ने शहादत के समय नमाज अदा की जब आपका सर सजदे में था तभी आपको शहीद किया गया। इस अवसर पर अश्कबार आँखों से या हुसैन की सदा के साथ पूरजोश मातम हुआ।

सैयदना साहेब ने सभी के लिए दुआ फरमाई साथ ही अशरा मुबारका की तमाम व्यवस्था में जुटी विभिन्न कमेटियो के सभी खिदमतगुज़ारो के लिए भी दुआ फरमाई। समाज की जनसंपर्क समिति के मीडिया प्रभारी मजहर हुसैन सेठजी वाला व बुरहानुददीन शकरुवाला ने बताया की योमे आशुरा पर समाजवासियो के लब पर या हुसैन या हुसैन की सदा एवं आँखों में आँसू थे। समाजवसीयो ने यौमे आशुरा पर करबला के तीन दिन के भूखे प्यासे शहीदों के गम व याद में दिन भर फाका रखा।

शाम को मग्रिब की नमाज के बाद इफ्तार किया गया।सैफीनगर मस्जिद से सैयदना साहेब की वाआज का सिधा आडियो विडियो प्रसारण बुरहानीया सैफिया मवाईद, सैफीनगर गार्डन, एम.एस. बी. स्कूल परिसर, न्यु सैफीनगर मरकज़, बोहरा बाखल, सियागंज, छावनी, नजमपूरा, मल्हारगंज, बद्री बाग कालोनी, पिठा, मसाकिन सोफिया, हसनजी नगर, नुरानी नगर, अम्मार नगर, राऊ, अंबेडकर नगर (महु ) व उज्जैन में हुआ।

मोहम्मद पिठावाला व इकबाल चप्पू ने बताया की बड़ी  संख्या में समाजवासी दिन भर  मस्जिदों व मरकज़ो पर वाअज मे शामिल हुए। समाजवासियों ने सैयदना साहेब की  लंबी उम्र, सेहत के लिए दुआ की। योमेे आशुरा के साथ ही समाज के मोहर्रम के अशरा मुबारका की नौ दिनी वाआज गुरुवार  को संपन्न हो गई।

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